![Sahab shree harindranand ji, shiv sishy harindranand ji, sahab harinder bhaiya, didi nilam anand ji, Shiv bhaw or jiv bhaw me anter kya hai, shiv charcha, shiv charcha bhajan, shiv guru charcha, shiv charcha geet, shiv charcha videos,](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi77BfkJsLOVshLf1TMzsDTRsyXazv8H0C9QNnzfVeYBDfl7a1eU7z-orLG8QvqzX2pGubrAJOOEk5hvFjMfxLIEYJmKlTcFIk__qcRpIrEgX_6KagkEmfP7aJu65gbNHwMTnfCcPURxkQ-/s320/Sahab+shree+harindranand+ji%252C+shiv+sishy+harindranand+2+.jpg) |
Sahab shree harindranand ji |
उत्तर - कहा जाता है कि जब तक संसार मे शिव भाव है
तभी तो जिव भाव है
क्योंकि संसार के समस्त प्राणी मे शिव भाव निहित है
लेकिन अपने कर्म फल के कारण शिव भाव उत्पन्न नही हो पाता है,
शिव ने जीव मात्र को शिव होने का अधिकार माना।
प्रेम और भक्ति प्रत्येक मनुष्य के जन्मजात स्वाभाविक गुण है
और वह अपने तथा अपनो से स्वतः प्रेम करता है।
शिव भाव ने जिव भाव को सहज प्राप्त प्रेमास्त्रो का प्रयोग जगत जननी और जगत पिता से एक मेक होने के लिए करने को प्रेरित किया।
प्रेम उत्पन्न करने के लिए किसी विशेष कर्म की आवश्यकता नही मानी जाती है ।
मनुष्य होने के कारण ही उसे शिव होने का अधिकार है।
सभी स्थितिया और जीवात्माएँ शिव की भावदशाएँ है
इसीलिए शिव भाव से जुरता है।
जुड सकती है, जीवात्मा मे संशय उसके विनाश का कारण बन सकता है
अथवा वे निरंतर दुर्गति मे परा रह सकता है।
पर अभी के समय मे अब एक मात्र विकल्प है
हमारी वेबसाइट पर आने के लिए आपका धन्यवाद।
अगर जिज्ञासा समाधान (Articals) अच्छा लगे तो शेयर करे ताकि ऐसी जानकारी आपकी मदद से सभी तक पहुंच सकें।
अगर किसी जिज्ञासा का समाधान आप चाहते है की यहाँ इस वेबसाइट पर डाला जाए तो कमेंट में जरूर लिखे।।
🙏आप सभी गुरु भाई बहनों प्रणाम🙏
0 टिप्पणियाँ